aसींग इहां येह ताकत के प्रतीक ए; पद 10 म घलो

‏ 1 Samuel 2

हन्ना के पराथना

1तब हन्ना ह पराथना करत कहिस:

“मोर मन ह यहोवा म आनंदित हवय;
यहोवा म मोर सींग a ला ऊपर करे गे हवय।
मोर मुहूं ह मोर बईरीमन के बिरूध खुल गीस,
काबरकि में तोर दिये गय छुटकारा म आनंदित हंव।

2“यहोवा के सहीं कोनो पबितर नइं अंय;
तोर छोंड़ अऊ कोनो नइं अंय;
हमर परमेसर के सहीं कोनो चट्टान नइं अय।

3“घमंड से भरे बात झन करत रहव,
या घमंड के बात तुम्हर मुहूं ले झन निकले,
काबरकि यहोवा ह अइसने परमेसर अय, जऊन ह जम्मो बात ला जानथे,
अऊ ओह हमर काम के नियाय करथे।

4“सूरबीरमन के धनुसमन टूट गीन,
पर ठोकर खानेवालामन ला ताकत दिये जाथे।
5जऊन मन के पेट भरे रिहिस, ओमन जेवन बर बनी करे बर जाथें,
पर जऊन मन भूखा रिहिन, ओमन अब भूखा नइं अंय।
ओ माईलोगन, जऊन ह बांझ रिहिस, ओह सात झन लइका जनमे हवय,
पर ओह, जेकर कतको बेटा रिहिन, ओह सोक मनाथे।

6“यहोवा ह मिरतू लानथे अऊ जियाथे घलो;
ओह खाल्हे कबर म उतारथे अऊ फेर जियाथे।
7यहोवा ह गरीब बनाथे अऊ धन घलो देथे;
ओह मनखे ला नीचा दिखाथे अऊ ओला ऊंचा घलो उठाथे।
8ओह गरीब ला धुर्रा ले उठाथे
अऊ जरूरतमंद ला राख के कुढ़ा ले ऊपर करथे;
ओह ओमन ला हाकिममन के संग बईठाथे
अऊ ओमन ला आदर के सिंघासन के अधिकारी बनाथे।

“काबरकि धरती के नीव यहोवा के अय;
अऊ ओकरे ऊपर ओह संसार ला धरे हवय।
9ओह अपन बिसवासयोग्य सेवकमन के पांव ला संभाले रहिही,
पर दुस्टमन ला अंधियार म चुप रहे बर कहे जाही।

“कोनो मनखे अपन ताकत के दुवारा जीत नइं सकय;
10जऊन मन यहोवा के बिरोध करथें ओमन टूट जाहीं।
सर्वोच्च परमेसर ह अकास ले गरजही;
यहोवा ह धरती के छोर तक नियाय करही।

“ओह अपन राजा ला ताकत दीही
अऊ अपन अभिसिक्त मनखे के सींग ला ऊंचा करही।”

11तब एलकाना ह अपन घर रामा ला चले गीस, पर ओ लइका ह एली पुरोहित के अधीन म रहिके यहोवा के सेवा करन लगिस।

एली के दुस्ट बेटामन

12एली के बेटामन दुस्ट मनखे रिहिन; ओमन के मन म यहोवा बर कोनो आदर नइं रिहिस। 13उहां पुरोहितमन के ये रिवाज रिहिस कि जब भी कोनो मनखे बलिदान चघावय, त पुरोहित के सेवक ह मांस चुरे के बेरा म एक तीन दांतवाला कांटा अपन हांथ म धरके आवय 14अऊ ओला कढ़ाही, या करसी, या करसा, या धमेला के भीतर डुबोवय। अऊ जतेक मांस कांटा म फंसके ऊपर आवय, ओला पुरोहित ह अपन बर ले लेवय। ये किसम ले ओमन ओ जम्मो इसरायलीमन संग बरताव करंय, जऊन मन सीलो म आवंय। 15अऊ इहां तक कि चरबी ला जलाय के पहिली, पुरोहित के सेवक ह आके बलिदान करइया मनखे ला कहय, “भूंजे बर पुरोहित ला कुछू मांस दे; ओह तोर ले चुरे हुए मांस ला नइं लेवय, पर सिरिप कच्चा मांस ला लीही।”

16अऊ कहूं ओ मनखे ह सेवक ला कहय, “पहिली चरबी ला जरन दे, तब तें जो चाहथस, ओला ले जा सकथस,” तब सेवक ह जबाब देवय, “नइं, अभी दे; यदि नइं देवस, त मेंह येला छीनके ले जाहूं।”

17ओ जवानमन के ये पाप ह यहोवा के नजर म बहुंत बड़े रिहिस, काबरकि ओमन यहोवा के भेंट के अपमान करत रिहिन।

18पर समूएल जऊन ह लइका रिहिस, सन के कपड़ा के एपोद पहिरे यहोवा के आघू म सेवा करत रिहिस। 19ओकर दाई ह हर साल ओकर बर एक ठन छोटे अंगरखा बनाके ओकर बर ले जावय, जब भी ओह अपन घरवाला संग हर साल बलिदान चघाय बर उहां जावय। 20एली ह एलकाना अऊ ओकर घरवाली ला ये कहिके आसीस देवय, “जऊन लइका बर तोर घरवाली ह पराथना करे रिहिस अऊ ओला यहोवा ला अरपन कर दीस, ओकर बदला म यहोवा ह तोला तोर ये घरवाली ले अऊ लइका देवय।” तब ओमन अपन घर चले जावंय। 21अऊ यहोवा ह हन्ना के सुधि लीस; ओह अऊ तीन बेटा अऊ दू बेटी ला जनम दीस। ये बीच म लइका समूएल ह यहोवा के संग म रहत बाढ़त गीस।

22एली ह अब्बड़ डोकरा हो गे रिहिस, अऊ ओह ओ जम्मो बात के बारे म सुनिस, जेला ओकर बेटामन जम्मो इसरायलीमन के संग करत रिहिन अऊ कइसे मिलापवाला तम्बू के मुंहटा म सेवा करइया माईलोगनमन संग कुकरम घलो करत रिहिन। 23एकरसेति ओह अपन बेटामन ला बलाके कहिस, “तुमन अइसने काम काबर करथव? मेंह जम्मो मनखेमन ले तुम्हर ये कुकरम के बारे म सुनत हंव। 24हे मोर बेटामन, अइसने झन करव; काबरकि जऊन खबर यहोवा के मनखेमन के बीच म फईलत हे, अऊ जेला मेंह सुनत हंव, ओह ठीक नो हय। 25यदि एक मनखे ह दूसर मनखे के बिरूध पाप करथे, त परमेसर
या नियायधीस
ह ओकर बिचवई करही; पर यदि कोनो मनखे ह यहोवा के बिरूध पाप करथे, त ओकर बिचवई कोन करही?” तभो ले एली के बेटामन अपन ददा के गोठ ला नइं सुनिन, काबरकि यहोवा के ईछा ओमन ला मार डारे के रिहिस।

26अऊ लइका समूएल ह डीलडौल अऊ यहोवा अऊ मनखेमन के अनुग्रह म बढ़त गीस।

एली के परिवार के बिरूध अगमबानी

27तब परमेसर के एक जन ह एली करा आईस अऊ ओला कहिस, “यहोवा अइसने कहत हे: ‘जब तोर पुरखामन के घराना ह मिसर म फिरौन राजा के अधीन रिहिन, त का मेंह ओमन करा अपनआप ला साफ-साफ परगट नइं करे रहेंव? 28मेंह इसरायल के जम्मो गोत्रमन ले तोर पुरखा ला मोर पुरोहित होय बर चुनेंव कि ओमन मोर बेदी करा जावंय, उहां धूप जलावंय, अऊ मोर आघू म एपोद पहिरंय। मेंह तोर पुरखामन के घराना ला इसरायलीमन के चघाय जम्मो जेवन-बलिदान ला घलो देंव। 29तुमन काबर मोर ओ चढ़ावा अऊ बलिदान के अपमान करत हव, जेला मेंह अपन निवास बर ठहिराय हंव? तेंह
इबरानी म बहुबचन तुमन
काबर मोर मनखे इसरायलीमन के दुवारा चघाय जम्मो बलिदान के बने भाग ला खाके अपनआप ला मोटा-ताजा करत हवस अऊ मोर ले जादा अपन बेटामन के आदर करत हवस?’

30“एकरसेति यहोवा, इसरायल के परमेसर ह घोसना करत हे: ‘मेंह वायदा करे रहेंव कि तोर परिवार के मनखेमन हमेसा मोर आघू म सेवा करहीं।’ पर अब यहोवा ह घोसना करत हे: ‘अब अइसने नइं होवय! जऊन मन मोर आदर करथें, ओमन के में आदर करहूं, पर जऊन मन मोला तुछ समझथें, ओमन तुछ समझे जाहीं। 31ओ समय ह आवत हवय जब मेंह तोर ताकत अऊ तोर पुरोहिती घराना के ताकत ला कम कर दूहूं, ताकि तोर खानदान म कोनो डोकरा होवत तक नइं जी सकहीं, 32अऊ तेंह मोर निवास म दुख ला देखबे। हालाकि इसरायल के भलई करे जाही, पर तोर खानदान म कोनो कभू डोकरा होवत तक नइं जीयन पाही। 33तुमन म के हर एक झन ला मोर बेदी के सेवा ले अलग नइं करंव; मेंह सिरिप तोर आंखी ला नास करे बर अऊ तोर ताकत घटाय बर ओमन ला बचाय रखहूं, अऊ तोर जम्मो संतानमन अपन भरे जवानी म मरहीं।

34“ ‘तोर दूनों बेटामन के का होही, होपनी अऊ पीनहास तोर बर एक चिनहां होहीं, दूनों के दूनों एक ही दिन म मर जाहीं। 35मेंह अपन बर एक बिसवासयोग्य पुरोहित ला ठहिराहूं, जऊन ह मोर हिरदय अऊ मन के मुताबिक काम करही। मेंह ओकर पुरोहिती घराना ला बने करके बसाहूं अऊ ओमन मोर अभिसिक्त जन के आघू म हमेसा सेवा करहीं। 36तब तोर परिवार म बचे जम्मो झन आहीं अऊ चांदी के एक छोटे टुकड़ा
या कुछू पईसा
अऊ रोटी के एक टुकड़ा बर ओकर आघू म झुकहीं अऊ बिनती करहीं, “पुरोहित के कोनो काम बर मोर अभिसेक कर, ताकि खाय बर मोला जेवन मिलय।” ’ ”

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