1 Samuel 8
इसरायलीमन के दुवारा एक राजा के मांग
1जब समूएल ह डोकरा हो गीस, त ओह अपन बेटामन ला इसरायलीमन के अगुवा ठहिराईस। 2ओकर बड़े बेटा के नांव योएल अऊ दूसर बेटा के नांव अबियाह रिहिस, अऊ ओमन बेरसेबा नगर म सेवा करत रिहिन। 3पर ओकर बेटामन ओकर रद्दा म नइं चलिन। ओमन बेईमानी करके फायदा उठाईन अऊ घूस लेवत रिहिन अऊ नियाय ला बिगाड़त रिहिन। 4एकरसेति इसरायलीमन के जम्मो अगुवामन एक संग जूरिन अऊ रामा नगर म समूएल करा आईन, 5अऊ ओमन ओला कहिन, “सुन, तेंह तो अब डोकरा हो गे हस, अऊ तोर बेटामन तोर रद्दा म नइं चलत हें; अब हमर अगुवई ▼▼या नियाय
करे बर एक राजा ठहिरा, जइसने कि जम्मो दूसर जातिमन के राजा हवंय।” 6पर जब ओमन ये कहिन, “हमर अगुवई करे बर हमन ला एक राजा दे,” त ये बात ह समूएल ला खराप लगिस; एकरसेति ओह यहोवा ले पराथना करिस। 7अऊ यहोवा ह ओला कहिस, “मनखेमन जऊन कुछू तोला कहत हवंय, ओ जम्मो बात ला सुन; येह तें नो हस, जऊन ला ओमन अस्वीकार करे हवंय, पर ओमन मोला अपन राजा के रूप म अस्वीकार करे हवंय। 8जइसने काम ओमन ओ दिन ले करत आय हवंय, जब मेंह ओमन ला मिसर देस ले निकाल लानेंव, ओमन आज घलो वइसने काम करत हें; मोला तियागके आने देवतामन के सेवा करत हवंय; वइसने ओमन तोर संग घलो करत हवंय। 9एकरसेति अब ओमन के बात ला सुन; पर ओमन ला बने करके चेता दे अऊ ओमन ला बता दे कि जऊन राजा ह ओमन ऊपर राज करही, ओकर बेवहार कइसने होही।” 10समूएल ह यहोवा के जम्मो बात ओ मनखेमन ला बता दीस, जऊन मन ओकर ले एक राजा के मांग करत रिहिन। 11ओह कहिस, “जऊन राजा ह तुम्हर ऊपर राज करही, ओकर बेवहार अइसने होही: ओह तुम्हर बेटामन ला लीही अऊ ओमन ला अपन रथ अऊ घोड़ामन के काम म लगाही, अऊ ओमन ओकर रथमन के आघू-आघू दऊड़हीं। 12कुछू झन ला ओह हजार-हजार अऊ कुछू झन ला पचास-पचास के ऊपर सेनापति ठहिराही, अऊ कतको ले ओह अपन नांगर जोतवाही, अऊ अपन फसल कटवाही, अऊ कतको ले ओह लड़ई के हथियार अऊ रथमन के साजो-सामान बनवाही। 13ओह तुम्हर बेटीमन ला लेके ओमन ले खुसबूवाला इतर अऊ जेवन अऊ रोटी बनवाही। 14ओह तुम्हर सबले बने खेत अऊ अंगूर अऊ जैतून के बारीमन ला लेके अपन सेवकमन ला दे दीही। 15ओह तुम्हर अनाज अऊ अंगूर के फर के दसवां भाग ला लेके अपन अधिकारी अऊ सेवकमन ला दे दीही। 16तुम्हर सेवक-सेविकामन ला, अऊ तुम्हर सबले बने पसु ▼▼सेप्टाजिन्ट; इबरानी म जवान मनखे
अऊ गदहामन ला लेके अपन उपयोग म लानही। 17ओह तुम्हर भेड़-बकरीमन के दसवां भाग ला ले लीही, अऊ तुमन खुद ओकर गुलाम बन जाहू। 18जब ओ दिन आही, त तुमन अपन ओ चुने हुए राजा ले छुटकारा पाय बर गोहारहू, पर यहोवा ह ओ दिन तुम्हर बात नइं सुनही।” 19पर ओ मनखेमन समूएल के बात ला नइं सुनिन। ओमन कहिन, “नइं! हमन अपन बर एक राजा चाहत हन। 20तब जम्मो दूसर देसमन सहीं हमर करा घलो हमर अगुवई करे बर एक राजा होही, जऊन ह आघू-आघू जाही अऊ हमर लड़ई लड़ही।” 21जब समूएल ह ओ मनखेमन के कहे जम्मो बात ला सुनिस, त ओह ओ बात ला यहोवा के आघू म बताईस। 22यहोवा ह समूएल ला कहिस, “ओमन के बात ला मानके ओमन बर एक राजा ठहिरा दे।” तब समूएल ह इसरायलीमन ला कहिस, “तुमन जम्मो झन अपन-अपन नगर म वापिस जावव।”
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