aहिलियापुलिस; देखव पद 50

‏ Genesis 41

फिरौन राजा के सपना

1जब पूरा दू बछर हो गीस, त फिरौन राजा एक सपना देखिस: ओह नील नदी के तीर म ठाढ़े रिहिस, 2अऊ ओ नदी म ले सात ठन सुन्दर अऊ मोट-मोट गाय निकलके कछार के कांदी ला चरे लगिन। 3ओमन के बाद, सात ठन आने कुरूप अऊ कमजोर गाय नील नदी ले निकलिन अऊ नदी के तीर म ठाढ़े दूसर गायमन के बाजू म ठाढ़ हो गीन। 4अऊ जऊन गायमन कुरूप अऊ कमजोर रिहिन, ओमन ओ सात ठन सुन्दर अऊ मोट-मोट गायमन ला खा डारिन। तब फिरौन ह नींद ले जाग गीस।

5ओह फेर सुत गीस अऊ एक आने सपना देखिस: एक ही डंठल म ले सात ठन मोट अऊ बने बीजा के पीकमन निकलिन। 6ओमन के बाद, सात ठन अऊ बीजा के पीकमन निकलिन, जेमन पातर अऊ पूरब दिग के हवा ले मुरझा गे रिहिन। 7ओ बीजा के पातर पीकमन ओ सातों मोट अऊ दाना ले भरे पीकमन ला लील डारिन। तब फिरौन ह जाग गीस; येह एक सपना रिहिस।

8बिहनियां फिरौन के मन ह बियाकुल हो गीस, एकरसेति ओह मिसर के जम्मो जादूगर अऊ पंडितमन ला बुलवाईस, अऊ ओमन ला अपन दूनों सपना ला बताईस, पर कोनो घलो ओला ओ सपनामन के अर्थ नइं बता सकिन।

9तब पीयानेवालामन के मुखिया ह फिरौन ला कहिस, “आज में अपन गलती ला सुरता करत हंव। 10जब फिरौन ह अपन सेवकमन ले नराज रिहिस, अऊ ओह मोला अऊ रंधइयामन के मुखिया ला अंगरछकमन के मुखिया के घर म कैद करके रखे रिहिस। 11तब हमन दूनों झन एके रथिया एक-एक सपना देखेंन, अऊ हर सपना के अपन म अलग अर्थ रिहिस। 12उहां हमर संग एक इबरी जवान रिहिस, जऊन ह अंगरछकमन के मुखिया के सेवक रिहिस। हमन ओला अपन-अपन सपना बतायेंन, अऊ ओह हमर सपनामन के अर्थ हमन ला बताईस; हमन के एक-एक के सपना के अर्थ ओह बता दीस। 13अऊ जइसने-जइसने अर्थ ओह हमन ला बताय रिहिस, एकदम वइसनेच होईस घलो: मोला मोर पद फेर मिल गीस, पर रंधइयामन के मुखिया ला सूली ऊपर लटका दिये गीस।”

14तब फिरौन ह यूसुफ ला बलाय बर पठोईस, अऊ ओला तुरते जेलखाना ले बाहिर निकाले गीस, अऊ ओह चुंदी कटवाके अऊ कपड़ा बदलके फिरौन के आघू म आईस।

15फिरौन ह यूसुफ ला कहिस, “मेंह एक सपना देखे हंव, अऊ कोनो ओकर अर्थ नइं बता सकत हें। पर मेंह तोर बारे म सुने हवंव कि तें सपना ला सुनके ओकर अर्थ बता देथस।”

16यूसुफ ह फिरौन ला जबाब दीस, “में ये नइं कर सकंव, पर परमेसर ह फिरौन ला ओकर ईछा के जबाब दीही।”

17तब फिरौन ह यूसुफ ला कहिस, “में अपन सपना म नील नदी के तीर म ठाढ़े रहेंव। 18तब नदी म ले सात ठन मोट-मोट अऊ सुन्दर गाय निकलिन अऊ कछार के कांदी ला चरे लगिन। 19ओमन के बाद, सात ठन गाय अऊ निकलिन, जेमन दुरबल, बहुंत कुरूप अऊ पातर रिहिन। मेंह पूरा मिसर देस म अइसन कुरूप गाय कभू नइं देखे रहेंव। 20ये पातर अऊ कुरूप गायमन ओ पहिली के सात ठन मोट-मोट गायमन ला खा डारिन। 21पर ओमन ला खाय के बाद घलो कोनो ये नइं कह सकत रिहिन कि ओमन अइसन करे हवंय, काबरकि ओमन पहिली के सहीं जस के तस कुरूप दिखत रिहिन। तब में जाग गेंव।

22“फेर में दूसर सपना म देखेंव कि एक ही डंठल म सात ठन बने-बने अऊ बीजा ले भरे पीकमन निकलिन। 23ओमन के बाद, अऊ सात ठन पीक निकलिन, जेमन कमजोर अऊ पातर अऊ पूरब के हवा ले मुरझा गे रिहिन। 24बीजा के ये पातर पीकमन ओ बने सात ठन पीकमन ला लील डारिन। मेंह येला जादूगरमन ला बतांय, पर ओमा के कोनो मोला ओकर अर्थ नइं बता सकिन।”

25तब यूसुफ ह फिरौन ला कहिस, “फिरौन के सपनामन एके ठन अऊ ओहीच अंय। परमेसर जऊन काम करे बर चाहत हवय, ओला ओह फिरौन ऊपर परगट करे हवय। 26ओ सात बने गायमन सात बछर अंय, अऊ ओ बीजा के सात ठन बने पीकमन घलो सात बछर अंय; येह एके ठन अऊ ओहीच सपना अय। 27जऊन सात ठन पातर अऊ कुरूप गायमन निकलिन, अऊ जऊन सात ठन बेकार अऊ पूरब के हवा ले मुरझाय पीकमन निकलिन: ओमन अकाल के सात बछर अंय।

28“येह ओही बात अय, जेला में फिरौन ला बता डारे हंव: परमेसर जऊन काम करनेवाला हे, ओला ओह फिरौन ला देखाय हवय। 29सुन, जम्मो मिसर देस म सात बछर तो अब्बड़ ऊपज होही। 30पर ओकर पाछू, सात बछर अकाल पड़ही, अऊ मिसर देस के मनखेमन ओ जम्मो बने ऊपज ला भुला जाहीं, अऊ अकाल ले देस ह नास हो जाही। 31ओ अब्बड़ ऊपज ला कोनो सुरता नइं करही, काबरकि ओकर बाद जऊन अकाल पड़ही, ओह बहुंत भयंकर होही। 32फिरौन ला ये जो सपना दू किसम ले देखाय गीस, एकर कारन ये अय कि ये बात परमेसर कोति ले ठहिराय जा चुके हवय अऊ परमेसर ह येला जल्दी पूरा करही।

33“एकरसेति अब फिरौन ह कोनो समझदार अऊ बुद्धिमान मनखे ला खोजके ओला मिसर देस ऊपर मुखिया ठहिराय। 34फिरौन ह देस भर म अधिकारीमन ला ठहिराय, जेमन सुकाल के सात बछर रहत तक मिसर देस के मनखेमन ले ऊपज के पांचवां भाग ला लेवंय। 35ओमन अवइया बने समय म जम्मो खाय-पीये के चीज ला संकेलंय, अऊ फिरौन के अधिकार ले सहरमन म अनाज ला जमा करंय, ताकि खाय बर भोजन-बस्तु रहय। 36ये भोजन-बस्तु ला देस बर बचाके रखे जावय, ताकि मिसर देस ऊपर अवइया अकाल के ओ सात बछर के समय एकर उपयोग करे जा सकय, अऊ देस ह अकाल ले नास झन होवय।”

37ये बात फिरौन अऊ ओकर जम्मो करमचारीमन ला बने लगिस। 38एकरसेति फिरौन ह अपन करमचारीमन ला कहिस, “का हमन ला ये मनखे सहीं कोनो मिल सकत हे, जेमा परमेसर के आतमा रहिथे?”

39तब फिरौन ह यूसुफ ला कहिस, “जब परमेसर ह तोला ये जम्मो बात बताय हवय, त तोर सहीं समझदार अऊ बुद्धिमान मनखे अऊ कोनो नइं एं। 40एकरसेति तेंह मोर महल के मुखिया होबे, अऊ मोर जम्मो मनखेमन तोर हुकूम ला मानहीं। सिरिप सिंघासन के आदर के कारन मेंह तोर ले बड़े रहिहूं।”

यूसुफ, मिसर के अधिकारी

41फेर फिरौन ह यूसुफ ले कहिस, “देख, में तोला पूरा मिसर देस ऊपर अधिकारी ठहिरात हंव।” 42तब फिरौन ह अपन अंगरी ले मुहरवाला मुंदरी निकालके यूसुफ के अंगरी म पहिरा दीस। ओह ओला सुघर मलमल के ओनहा पहिराईस अऊ ओकर गला म सोन के माला पहिरा दीस। 43ओह ओला अपन बाद दूसर अधिकारी के रूप म रथ म चघाईस, अऊ मनखेमन ओकर आघू-आघू चिचियाके ये कहत रिहिन, “ओला दंडवत करव!” ये किसम ले, ओह ओला मिसर के जम्मो देस के ऊपर अधिकारी बना दीस।

44तब फिरौन ह यूसुफ ला कहिस, “फिरौन तो में अंव, पर जम्मो मिसर देस म कोनो घलो तोर हुकूम के बिना कुछू नइं कर सकंय।” 45फिरौन ह यूसुफ के नांव सापनत-पानेह रखिस अऊ ओन a नगर के पुरोहित पोतीपेरा के बेटी आसनत ले ओकर बिहाव करवा दीस। अऊ यूसुफ जम्मो मिसर देस म दउरा करिस।

46जब यूसुफ ह मिसर के राजा फिरौन के सेवा म आईस, त ओह तीस बछर के रिहिस। अऊ यूसुफ ह फिरौन करा ले जाके जम्मो मिसर देस म दउरा करिस। 47सुकाल के सातों बछर अब्बड़ फसल होईस। 48यूसुफ ह मिसर देस म सुकाल के ओ सातों बछर म जम्मो किसम के जेवन के चीज-वस्तु ला संकेलिस अऊ सहरमन म रखत गीस। हर सहर के चारों कोति के खेत म पईदा होय खाय-पीये के चीज ला ओह ओहीच सहर म जमा करत गीस। 49अइसन करके यूसुफ ह अनाज ला समुंदर के बालू सहीं भारी तदाद म जमा कर लीस; अनाज अतकी जादा हो गीस कि ओह ओकर हिसाब रखे बर छोंड़ दीस, काबरकि येह गनती के बाहिर हो गीस।

50अकाल परे के पहिली, यूसुफ के दू झन बेटा, ओन सहर के पुरोहित पोतीपेरा के बेटी आसनत ले होईन। 51यूसुफ ह अपन बड़े बेटा के नांव ये कहिके मनस्से
मनस्से सायद इबरानी म भूल जवई
रखिस, “परमेसर ह मोर ले मोर जम्मो दुख अऊ मोर ददा के जम्मो घराना ला भुला दीस हे।”
52दूसर बेटा के नांव ओह ये कहिके एपरैम
एपरैम सायद इबरानी म फलवंत
रखिस, “मोर दुख भोगे के देस म परमेसर ह मोला फलवंत करे हे।”

53मिसर देस म सुकाल के सात बछर सिरा गीस, 54अऊ यूसुफ के कहे मुताबिक सात बछर के अकाल सुरू हो गीस। दूसर जम्मो देसमन म घलो अकाल परिस, पर पूरा मिसर देस म खाय के चीज-वस्तु रिहिस। 55जब पूरा मिसर देस अकाल के चपेट म आईस, त मनखेमन फिरौन ले नरिया-नरियाके खाय बर मांगे लगिन। तब फिरौन ह जम्मो मिसरीमन ला कहिस, “यूसुफ करा जावव अऊ जऊन कुछू ओह तुमन ला कहिथे, वइसने करव।”

56जब अकाल ह जम्मो देस म फईल गीस, त यूसुफ ह जम्मो गोदाममन ला खोल दीस अऊ मिसरीमन ला अनाज बेचे लगिस, काबरकि जम्मो मिसर देस म भयंकर अकाल परे रिहिस। 57अऊ जम्मो संसार के मनखेमन मिसर देस म यूसुफ करा अनाज बिसाय बर आय लगिन, काबरकि जम्मो जगह भयंकर अकाल परे रिहिस।

Copyright information for HneSCA