‏ Isaiah 50

इसरायल के पाप अऊ सेवक के हुकूम मनई

1यहोवा ह ये कहत हे:

“तोर दाई के तियाग पतर कहां हे,
जेला मेंह ओला छोंड़त समय देय रहंय?
या अपन कोन साहूकार के हांथ म
मेंह तोला बेचेंव?
सुन, तेंह अपन पाप के कारन बेचे गे रहय;
तोर अपराधमन के कारन तोर दाई ला छोंड़ दिये गीस।
2जब मेंह आयेंव, त काबर उहां कोनो नइं रिहिन?
जब मेंह बलांय, त जबाब देय बर उहां काबर कोनो नइं रिहिन?
तोला छोंड़ाय बर का मोर हांथ ह बहुंत छोटे हो गीस?
तोला बचाय बर का मोर म ताकत के कमी हवय?
सिरिप एक डांट के दुवारा मेंह समुंदर ला सूखा देथंव,
में नदीमन ला मरू-भुइयां बना देथंव;
उहां के मछरीमन पानी बिगर मर जाथें
अऊ पीयास म मरके बस्साथें।
3में अकास ला अंधियार रूपी ओनहा पहिराथंव,
अऊ बोरा के ओनहा ला ओकर ओढ़ना बना देथंव।”

4परमपरधान यहोवा ह मोला एक बने सिखानेवाला के जीभ देय हवय,
ताकि मेंह थके-हारे मनखे ला अपन बचन के दुवारा संभाले बर जानंव।
ओह मोला हर बिहनियां जगाथे,
ओह मोर कान ला खोलथे कि मेंह एक सेवक के सहीं सुनंव।
5परमपरधान यहोवा ह मोर कानमन ला खोल दे हवय;
मेंह बिदरोह नइं करे हंव,
अऊ न ही पाछू हटे हंव।
6जेमन मोला मारिन, ओमन कोति अपन पीठ,
अऊ जेमन मोर दाढ़ी नोचिन, ओमन कोति अपन गाल ला कर देंव;
मोर हंसी उड़ाय अऊ मोर ऊपर थूके ले घलो
मेंह अपन चेहरा ला नइं छुपांय।
7काबरकि परमपरधान यहोवा ह मोर सहायता करथे,
मेंह कलंकित नइं होवंव।
एकरसेति मेंह अपन चेहरा ला चकमक पथरा के सहीं कड़ा कर ले हंव,
अऊ मेंह जानत हंव कि मोला लजाय बर नइं पड़य।
8जऊन ह मोर रकछा करथे, ओह मोर लकठा म हवय।
तब कोन ह मोर ऊपर दोस लगाही?
आवव, हमन एक-दूसर के सामना करन!
मोर ऊपर दोस लगइया कोन ए?
ओह मोर सामना करय!
9सुनव, येह परमपरधान यहोवा ए, जऊन ह मोर सहायता करथे।
मोला कोन ह दोसी ठहिराही?
मोर ऊपर दोस लगानेवाले जम्मो झन ओनहा सहीं जुन्ना हो जाहीं;
अऊ ओमन ला कीरामन खा जाहीं।

10तुम्हर बीच म ले कोन ह यहोवा के भय मानथे
अऊ ओकर सेवक के बात ला मानथे?
जऊन ह अंधियार म रेंगथे,
जेकर मेर अंजोर नइं ए,
ओह यहोवा के नांव ऊपर भरोसा रखय
अऊ अपन परमेसर ऊपर बिसवास करय।
11पर अब, तुमन जम्मो झन, जेमन आगी बारथव
अऊ अपनआप ला बरत मसाल देथव,
जावव, अपन आगी के अंजोर म
अऊ अपन बारे गय मसाल के अंजोर म रेंगव।
मोर हांथ ले तुमन ला ये चीज ही मिलही:
तुमन पीरा म परे रहिहू।
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