Isaiah 64
▼ 1बने होतिस कि तें अकास ला चीरके खाल्हे उतर आते,कि पहाड़मन तोर आघू म कांप उठतिन!
2जइसन आगी ह डारामन ला जला देथे
अऊ पानी ला डपकाथे,
वइसन तें अपन बईरीमन ऊपर अपन नांव परगट करे बर
अऊ जाति-जाति के मनखेमन ला अपन आघू म कंपाय बर खाल्हे उतर!
3काबरकि जब तेंह अद्भूत काम करे, जेकर हमन आसा नइं करत रहेंन,
तब तें खाल्हे उतरे, अऊ पहाड़मन तोर आघू म कांप उठिन।
4पुराना जमाना ले तोला छोंड़ कोनो अऊ परमेसर के बारे म न तो सुने गीस,
न कोनो मनखे ओला जानिन,
अऊ न कोनो कभू ओला देखिन,
तेंह अइसन परमेसर अस, जऊन ह अपन बाट जोहइया कोति ले काम करथस।
5तें ओमन के मदद करे बर आथस, जेमन खुसी से भलई के काम करथें,
जेमन तोर डहारमन ला सुरता म रखथें।
पर जब हमन लगातार तोर बिरूध म पाप करेंन,
त तें गुस्सा करे।
तब हमर उद्धार कइसे हो सकथे?
6हमन सब के सब असुध मनखे सहीं हो गे हवन,
अऊ हमर जम्मो धरमी काममन मईला चेंदरा सहीं अंय;
हमन सब के सब पान सहीं मुरझा जाथन,
अऊ हवा सहीं हमर पापमन हमन ला उड़ियाके ले जाथे।
7कोनो तोर नांव नइं लेवंय
या तोला धरे रहे के कोसिस कोनो नइं करंय;
काबरकि तेंह हमन ले अपन मुहूं ला छुपा ले हस,
अऊ हमन ला हमर पाप के बस म कर दे हस।
8तभो ले, हे यहोवा, तेंह हमर ददा अस।
हमन माटी अन, अऊ तें हमर कुम्हार अस;
हमन सब के सब तोर हांथ के रचना अन।
9एकरसेति हे यहोवा, जादा रिस झन कर;
अनंतकाल तक हमर पाप ला सुरता झन रख।
हमर तरफ धियान दे, हमन पराथना करत हन,
काबरकि हमन सब तोर मनखे अन।
10देख, तोर पबितर नगरमन बंजर भुइयां हो गे हवंय;
अऊ त अऊ सियोन ह बंजर भुइयां हो गे हवय, यरूसलेम ह उजरे परे हवय।
11हमर पबितर अऊ सोभायमान मंदिर, जेमा हमर पुरखामन तोर इस्तुति करत रिहिन,
आगी ले जला दे गे हवय,
अऊ हमर कीमती चीजमन नास हो गीन।
12ये सब होय के बाद घलो, हे यहोवा, का तें अपनआप ला रोके रहिबे?
का तें चुप रहिबे अऊ हमन ला सीमना के बाहिर सजा देबे?
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