Jonah 2
▼ 1योना ह मछरी के पेट ले यहोवा अपन परमेसर ले पराथना करिस। 2ओह कहिस: “अपन संकट म मेंह यहोवा ला पुकारें,अऊ ओह मोला जबाब दीस।
मिरतू-लोक के गहरई ले मेंह मदद बर पुकारें,
अऊ तेंह मोर पुकार ला सुन लेय।
3तेंह मोला गहिला म,
समुंदर के गहरई म डाल देय,
अऊ मेंह धारामन के मांझा म पड़े रहेंव;
तोर भड़के धारा अऊ लहरामन
मोर ऊपर ले बोहा गीन।
4तब मेंह कहेंव, ‘मोला तोर आघू ले
निकाल दिये गे हवय;
तभो ले मेंह फेर
तोर पबितर मंदिर कोति देखहूं।’
5बुड़ोइया पानी ह मोला डरवात रिहिस,
गहिला पानी मोला घेरे रिहिस;
समुंदरी घांस ह मोर मुड़ म लपटाय रिहिस।
6मेंह पहाड़ के जरी तक चल दे रहेंव;
मेंह हमेसा बर भुइयां म गड़ गे रहेंव।
पर हे यहोवा मोर परमेसर,
तेंह मोला खंचवा म ले निकाले हस।
7“जब मेंह बेहोस होवत रहेंव,
तब हे यहोवा, मेंह तोला सुरता करेंव,
अऊ मोर पराथना तोर मेर,
तोर पबितर मंदिर म पहुंचिस।
8“जऊन मनखेमन बेकार के मूरतीमन म मन लगाथें
ओमन अपनआप ला परमेसर के मया ले दूरिहा कर लेथें।
9पर मेंह, ऊंचहा सबद ले परसंसा करके
तोला बलिदान चघाहूं।
जऊन मन्नत मेंह माने हंव, ओला मेंह पूरा करहूं।
मेंह कहिहूं, ‘उद्धार सिरिप यहोवा ही से होथे।’ ”
10तब यहोवा ह ओ बड़े मछरी ला हुकूम दीस, अऊ ओह योना ला सूखा भुइयां म उगल दीस।
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