‏ Mark 11:15-19

15ओमन यरूसलेम सहर म आईन। अऊ यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ जऊन मन उहां बेचे अऊ बिसाय के काम करत रहंय, ओमन ला बाहिर निकाले के सुरू करिस। ओह रूपिया-पईसा के अदला-बदली करइयामन के मेज अऊ पंड़की बेचइयामन के बेंचमन ला खपल दीस, 16अऊ मंदिर के सीमना म कोनो ला लेन-देन करे के सामान लेके आवन-जावन नइं दीस। 17ओह ओमन ला उपदेस देके कहिस, “का परमेसर के बचन म ये नइं लिखे हवय: ‘मोर घर ह जम्मो जाति के मनखेमन बर पराथना के घर होही? पर तुमन येला डाकूमन के अड्डा बना दे हवव।’

18येला सुनके, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन ओला मार डारे के मऊका खोजन लगिन, पर ओमन ओकर ले डरावत रिहिन, काबरकि भीड़ के जम्मो मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रिहिन।

19जब सांझ होईस, त यीसू अऊ ओकर चेलामन सहर ले बाहिर चल दीन।

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