‏ Matthew 13:53-58

एक अगमजानी बिगर आदरमान के

(मरकुस 6:1‑6; लूका 4:16‑30)

53यीसू ह ये पटंतरमन ला सुनाय के बाद उहां ले चल दीस। 54ओह अपन नगर म आईस, अऊ मनखेमन ला ओमन के सभा-घर म सिकछा देवन लगिस। मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होईन अऊ कहिन, “ये मनखे ला, ये बुद्धि अऊ ये अचरज के काम करे के सामर्थ कहां ले मिलिस? 55का येह बढ़ई के बेटा नो हय? का एकर दाई के नांव मरियम नो हय? का याकूब, यूसुफ, सिमोन अऊ यहूदा एकर भाई नो हंय? 56का एकर जम्मो बहिनीमन हमर बीच म नइं रहंय? तब ये मनखे ला ये जम्मो चीज कहां ले मिलिस?” 57अऊ ओमन ओकर ऊपर नराज होईन।

पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “अगमजानी ह अपन नगर अऊ अपन घर के छोंड़ जम्मो जगह म आदरमान पाथे।”

58मनखेमन के अबिसवास के कारन, ओह उहां जादा अचरज के काम नइं करिस।

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