Psalms 111
1यहोवा के परसंसा करव। ▼▼इबरानी म हलिलूयाह
मेंह सीधवा मनखेमन के मंडली म अऊ सभा म
अपन पूरा मन से यहोवा के परसंसा करहूं।
2यहोवा के काममन महान एं;
जऊन मन ओ काममन ले खुस होथें, ओमन ओ काममन के ऊपर बिचार करथें।
3ओकर काममन महिमामय अऊ सानदार अंय,
अऊ ओकर धरमीपन हमेसा बने रहिथे।
4ओह अपन अद्भूत काममन के सुरता कराय हवय;
यहोवा ह अनुग्रहकारी अऊ दयालु अय।
5ओह ओमन ला जेवन देथे, जेमन ओकर भय मानथें;
ओह अपन करार ला हमेसा सुरता रखथे।
6ओह दिगर जाति के मनखेमन के भुइयां अपन मनखेमन ला देके
अपन काम के सक्ति ला देखाय हवय।
7ओकर हांथ के काममन बिसवासयोग्य अऊ नियाय के अंय;
ओकर जम्मो नियममन बिसवासयोग्य अंय।
8ओमन सदा-सर्वदा अटल रहिहीं,
ये कानूनमन बिसवासयोग्यता अऊ ईमानदारी से बनाय गे हवंय।
9ओह अपन मनखेमन ला पाप ले छुटकारा दे हवय;
ओह अपन करार ला हमेसा बर ठहिराय हवय—
ओकर नांव पबितर अऊ अद्भूत अय।
10यहोवा के भय मनई बुद्धि के सुरूआत ए;
ओ जम्मो, जऊन मन ओकर नियममन ला मानथें, ओमन अपन म सही समझ रखथें।
ओकर महिमा सदाकाल तक होवत रहय।
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