‏ Psalms 29

दाऊद के एक भजन।

1हे स्वरगीय जीवमन,
स्वरगीय जीवमन के मतलब स्वरगदूतमन हो सकथे
यहोवा के बखान करव,
यहोवा के महिमा अऊ बल के बखान करव।
2यहोवा के नांव के मुताबिक ओकर बखान करव;
यहोवा के पबितरता के सोभा म ओकर अराधना करव।

3यहोवा के अवाज समुंदर के ऊपर म हवय;
महिमा के परमेसर ह गरजथे,
यहोवा ह समुंदर के भयंकर लहरामन ऊपर गरजथे।
4यहोवा के अवाज ह सक्तिसाली अय;
यहोवा के अवाज ह सानदार हवय।
5यहोवा के अवाज ह देवदार के रूख ला टोर देथे;
यहोवा ह लबानोन के देवदार रूखमन ला कुटा-कुटा कर देथे।
6ओह लबानोन ला एक बछरू के सहीं
अऊ सिरयोन
हेरमोन पहाड़
ला जंगली बईला के सहीं उछालथे।
7यहोवा के अवाज ह
बिजली के चमक के संग चोट करथे।
8यहोवा के अवाज ह बीरान भुइयां ला हला देथे;
यहोवा ह कादेस के बीरान भुइयां ला घलो हला देथे।
9यहोवा के अवाज ह बांज के रूख ला मुरकेट देथे
या यहोवा ह हिरन ले पीला जनमवाथे

अऊ जंगल म पतझड़ हो जाथे।
अऊ ओकर मंदिर म जम्मो झन चिचियाके कहिथें, “परमेसर के महिमा होवय!”

10यहोवा ह बाढ़ के पानी ऊपर बिराजमान होथे;
यहोवा ह सदाकाल बर राजा के रूप म बिराजमान होथे।
11यहोवा ह अपन मनखेमन ला ताकत देथे;
यहोवा ह अपन मनखेमन ला सांति के आसीस देथे।
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