‏ Psalms 75

संगीत के निरदेसक बर। “नास झन कर” के धुन म आसाप के एक भजन। एक गीत।

1हे परमेसर, हमन तोर परसंसा करथन,
हमन तोर परसंसा करथन, काबरकि तोर नांव ह लकठा म हवय;
मनखेमन तोर अद्भूत काम के बखान करथें।

2तेंह कहिथस, “ठहिराय गय समय ला मेंह तय करथंव;
बिगर पखियपात के मेंहीच ह नियाय करथंव।
3जब धरती अऊ येकर जम्मो मनखेमन कांपथें,
त मेंहीच येकर खंभामन ला मजबूती से थामे रहिथंव।
4घमंडी ला मेंह कहिथंव, ‘अऊ घमंड झन कर,’
अऊ दुस्टमन ला कहिथंव, ‘अपन सींग
सींग इहां सक्ति के प्रतीक ए; पद 5 अऊ 10म घलो
ला ऊंच झन करव।
5स्वरग के बिरूध अपन सींग झन उठावव;
बहुंत ढिठई के बात झन करव।’ ”

6पूरब या पछिम ले या निरजन प्रदेस ले
कोनो भी मनखे अपनआप ला ऊपर नइं उठा सकय।
7येह परमेसर ए, जऊन ह नियाय करथे:
ओह एक झन ला खाल्हे गिरा देथे, त दूसर झन ला ऊपर उठाथे।
8यहोवा के हांथ म एक कटोरा हवय
जऊन ह मसाला मिले झागवाला अंगूर के मंद ले भरे हवय;
ओह येला ढारथे, अऊ धरती के जम्मो दुस्टमन
कटोरा के खाली होवत तक येला पीथें।

9जहां तक मोर बात ए, मेंह हमेसा येकर घोसना करहूं;
मेंह याकूब के परमेसर के परसंसा के गीत गाहूं,
10जऊन ह कहिथे, “मेंह जम्मो दुस्टमन के सींग ला काट डारहूं,
पर धरमीमन के सींग ला ऊपर करे जाही।”
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