‏ Luke 11:9-13

9“एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव: मांगव, त तुमन ला दिये जाही; खोजव, त तुमन पाहू; खटखटावव, त कपाट ह तुम्हर बर खोले जाही। 10काबरकि जऊन ह मांगथे, ओला मिलथे; जऊन ह खोजथे, ओह पाथे; अऊ जऊन ह खटखटाथे, ओकर बर कपाट ह खोले जाथे।

11“तुमन ले अइसने कोन ददा होही कि कहूं ओकर बेटा ह एक ठन मछरी मांगथे, त ओला सांप देथे? 12या कहूं ओह एक ठन अंडा मांगय, त ओह ओला बिच्छू दीही? 13जब तुम्हर सहीं खराप मनखेमन अपन लइकामन ला बने चीज के भेंट देय बर जानथव, त स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह कतेक जादा ओमन ला पबितर आतमा दीही, जऊन मन ओकर ले मांगथें!”

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