‏ Luke 20:9-19

रेगहा म खेत कमइया किसानमन के पटंतर

(मत्ती 21:33‑46; मरकुस 12:1‑12)

9तब यीसू ह मनखेमन ला ये पटंतर कहिस, “एक मनखे ह एक अंगूर के बारी लगाईस, अऊ ओला कुछू किसानमन ला रेगहा म दे दीस अऊ बहुंत दिन बर परदेस चल दीस। 10जब अंगूर के फसल के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला ओ किसानमन करा पठोईस ताकि ओमन अंगूर के बारी के कुछू फर ओला देवंय। पर किसानमन ओ सेवक ला मारिन-पीटिन अऊ ओला जुच्छा हांथ लहुंटा दीन। 11तब ओह दूसर सेवक ला पठोईस, पर किसानमन ओला घलो मारिन-पीटिन; ओकर बेजत्ती करिन अऊ ओला जुच्छा हांथ वापिस पठो दीन। 12फेर ओह तीसरा सेवक ला पठोईस, अऊ किसानमन ओला घायल करके बारी के बाहिर फटिक दीन।

13“तब अंगूर के बारी के मालिक ह कहिस, ‘मेंह का करंव? मेंह अपन मयारू बेटा ला पठोहूं। हो सकथे कि ओमन ओकर आदर करंय।’

14“पर जब किसानमन मालिक के बेटा ला देखिन, त ओमन आपस म बात करिन अऊ कहिन, ‘येह तो बारी के वारिस ए। आवव, हमन येला मार डालन, तब एकर संपत्ति ह हमर हो जाही।’ 15अऊ ओमन ओला अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन अऊ ओला मार डारिन।

“तब अंगूर के बारी के मालिक ह ओमन के संग का करही?
16ओह आही अऊ ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दीही।”

जब मनखेमन येला सुनिन, त ओमन कहिन, “अइसने कभू झन होवय।”

17यीसू ह ओमन ला देखके कहिस, “तब परमेसर के बचन म लिखे ये बात के का मतलब होथे:

“ ‘जऊन पथरा ला घर के बनइयामन बेकार समझे रिहिन,
ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस’ ?

18जऊन कोनो ओ पथरा ऊपर गिरही, ओह कुटा-कुटा हो जाही, पर जेकर ऊपर ये पथरा ह गिरही, ओह पीसा जाही।”

19कानून के गुरू अऊ मुखिया पुरोहितमन ओतकीच बेरा यीसू ला पकड़े के उपाय सोचे लगिन, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह ये पटंतर ला ओमन के बिरोध म कहे हवय। पर ओमन मनखेमन ले डर्राईन।

Copyright information for HneSCA