Luke 5:17-26
यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला बने करथे
(मत्ती 9:1‑8; मरकुस 2:1‑12)
17एक दिन जब यीसू ह उपदेस देवत रहय, त फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन उहां बईठे रहंय, जऊन मन गलील अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो गांव ले, अऊ यरूसलेम ले आय रहंय। अऊ परभू के सामर्थ बिमरहामन ला बने करे बर यीसू के संग रहय। 18कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला खटिया म उठाके लानिन। ओमन ओला घर के भीतर ले जाय के कोसिस करिन ताकि ओला यीसू के आघू म रख सकंय। 19जब ओमन भीड़ के मारे ओला भीतर नइं ले जा सकिन, तब ओमन छानी के ऊपर चघिन अऊ खपरा ला टारके ओमन ओला खटिया म, भीड़ के मांझा म, ठोका यीसू के आघू म उतारिन। 20जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “संगी, तोर पाप ह छेमा हो गे।” 21फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन अपन मन म सोचे लगिन, “ये कोन मनखे ए, जऊन ह परमेसर के निन्दा करत हवय? सिरिप परमेसर के छोंड़ अऊ कोन ह पाप ला छेमा कर सकथे?” 22यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस। ओह ओमन ले पुछिस, “तुमन ये बात अपन मन म काबर सोचत हवव? 23कते बात ह सरल ए? ये कहई, ‘तोर पाप ह छेमा हो गीस,’ या फेर ये कहई, ‘उठ, अऊ चल फिर।’ 24मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, “उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” 25तुरते ओह ओमन के आघू म उठिस अऊ जऊन खटिया म ओह पड़े रिहिस, ओला उठाईस अऊ परमेसर के इस्तुति करत अपन घर चल दीस। 26तब ओ जम्मो झन चकित हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करिन। ओमन म डर हमा गीस अऊ ओमन कहे लगिन, “हमन आज चमतकार होवत देखे हवन।”
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