‏ Luke 5:33-39

उपास के बारे म सवाल

(मत्ती 9:14‑17; मरकुस 2:18‑22)

33ओमन यीसू ले कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन अकसर उपास रखथें अऊ पराथना करथें, अऊ अइसने फरीसीमन के चेलामन घलो करथें, पर तोर चेलामन खावत-पीयत रहिथंय।”

34यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन बरातीमन ले, जब तक दूल्हा ह ओमन के संग हवय, उपास करा सकथव? 35पर ओ समय आही, जब दूल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओमन ओ दिनमन म उपास करहीं।”

36यीसू ह ओमन ला ये पटंतर घलो सुनाईस, “कोनो मनखे नवां ओनहा ला चीरके ओकर खाप ला जुन्ना ओनहा म नइं सिलय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां ओनहा ह चीरा जाही अऊ नवां ओनहा के खाप जुन्ना ओनहा म नइं लगही। 37अऊ कोनो मनखे नवां अंगूर के मंद ला जुन्ना चमड़ा के थैली म नइं भरय। कहूं कोनो अइसने करथे, त नवां मंद ह ओ थैली ला चीर दीही, अऊ मंद ह ढर जाही अऊ थैली ह बरबाद हो जाही। 38नवां अंगूर के मंद ला नवां चमड़ा के थैली म भरना चाही। 39कोनो मनखे अंगूर के जुन्ना मंद पीये के बाद, नवां मंद पीये नइं चाहय। ओह कहिथे, ‘जुन्ना मंद ही बने हवय।’ ”

Copyright information for HneSCA