‏ Mark 1:21-28

यीसू परेत आतमा ला निकालथे

(लूका 4:31‑37)

21ओमन कफरनहूम सहर म गीन अऊ यीसू ह बिसराम के दिन, यहूदीमन के सभा-घर म जाके उपदेस देवन लगिस। 22मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह कानून के गुरूमन सहीं नइं, पर अधिकार के संग उपदेस देवत रिहिस। 23ओही बेरा ओमन के सभा-घर म, एक मनखे रिहिस, जऊन म एक असुध आतमा रहय, ओह चिचियाके कहिस, 24“हे नासरत के यीसू! हमर ले तोर का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव, तेंह कोन अस—तेंह परमेसर के पबितर जन अस।”

25यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह! अऊ ओमा ले निकल आ।” 26तब असुध आतमा ह ओला अइंठके, अब्बड़ चिचियावत ओमा ले निकल गीस।

27येला देखके, जम्मो मनखेमन चकित होवत, एक-दूसर ले पुछन लगिन, “येह का बात ए? येह कोनो नवां उपदेस ए, जऊन ह अधिकार के संग हवय! ओह असुध आतमामन ला हुकूम देथे, अऊ ओमन ओकर बात ला मानथें।” 28तुरते गलील के जम्मो इलाका म ओकर समाचार फईल गीस।

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