‏ Mark 11:27-33

यीसू के अधिकार ऊपर सवाल

(मत्ती 21:23‑27; लूका 20:1‑8)

27ओमन फेर यरूसलेम म आईन अऊ यीसू ह जब मंदिर के अंगना म रेंगत रिहिस, तब मुखिया पुरोहितमन, कानून के गुरूमन अऊ अगुवामन ओकर करा आईन 28अऊ पुछिन, “कोन अधिकार ले तेंह ये चीजमन ला करत हवस? अऊ ये करे के अधिकार कोन ह तोला दे हवय?”

29यीसू ह जबाब दीस, “मेंह घलो तुमन ले एक सवाल पुछत हंव, ओकर मोला जबाब देवव, त मेंह तुमन ला बताहूं कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन ला करत हवंव। 30यूहन्ना के बतिसमा देवई ह, स्वरग ले रिहिस या मनखे कोति ले? मोला बतावव।”

31ओमन आपस म सोच-बिचार करिन अऊ कहिन, “यदि हमन कहन, ‘स्वरग ले,’ त ओह कहिही, ‘तब तुमन ओकर ऊपर बिसवास काबर नइं करेव?’ 32पर यदि हमन कहन कि मनखे कोति ले,” त मनखेमन के डर हवय, काबरकि जम्मो मनखेमन के बिसवास रहय कि यूहन्ना ह सही म अगमजानी रिहिस।

33एकरसेति ओमन यीसू ला जबाब दीन, “हमन नइं जानन।”

यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह घलो तुमन ला नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन करत हवंव।”

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