‏ Mark 12:18-27

मरे मनखेमन के जी उठे के बाद—बिहाव

(मत्ती 22:23‑33; लूका 20:27‑40)

18तब सदूकीमन आईन, जऊन मन ये कहिथंय कि मरे मनखेमन फेर नइं जी उठंय। ओमन यीसू ले आके पुछिन, 19“हे गुरू! मूसा ह हमर बर लिखे हवय कि यदि कोनो मनखे के भाई ह अपन घरवाली के रहत बिगर संतान के मर जावय, त येह जरूरी ए कि ओ मनखे ह अपन भाई के ओ बिधवा ले बिहाव कर ले, अऊ अपन भाई बर संतान पईदा करे। 20सात झन भाई रिहिन। पहिला भाई ह बिहाव करिस अऊ बिगर संतान के मर गीस। 21तब दूसर भाई ह ओकर बिधवा ले बिहाव करिस अऊ ओह घलो बिगर संतान के मर गीस, अऊ वइसनेच तीसरा भाई घलो। 22अइसने होईस कि सातों म के काकरो संतान नइं होईस अऊ ओमन मर गीन। आखिर म ओ माईलोगन घलो मर गीस। 23तब मरे मनखेमन के जी उठे के बाद, ओह काकर घरवाली होही? काबरकि ओह सातों भाईमन ले बिहाव करे रिहिस।”

24यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “का तुमन गलत नइं समझत हव काबरकि तुमन परमेसर के बचन या परमेसर के सामर्थ ला नइं जानत हव? 25जब मरे मन जी उठहीं, त ओमन न तो बिहाव करहीं अऊ न ही ओमन ला बिहाव म दिये जाही; ओमन स्वरग म स्वरगदूतमन सहीं होहीं। 26मरे मन के जी उठे के बारे म, का तुमन मूसा के किताब म बरत झाड़ी के बारे म नइं पढ़ेव? जिहां परमेसर ह मूसा ले कहिस, ‘मेंह अब्राहम के परमेसर अऊ इसहाक के परमेसर अऊ याकूब के परमेसर अंव।’ 27परमेसर ह मुरदामन के नइं, पर जीयतमन के परमेसर अय। तुमन भारी गलती म परे हवव।”

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