Mark 3:20-27
यीसू अऊ बालजबूल
(मत्ती 12:22‑32; लूका 11:14‑23; 12:10)
20जब यीसू ह एक घर म आईस, त फेर अइसने भीड़ जूर गीस कि ओह अऊ ओकर चेलामन खाना तक नइं खा सकिन। 21जब ओकर परिवार के मन ये सुनिन, त ओला घर ले जाय बर आईन, काबरकि ओमन कहत रिहिन कि ओकर चित ह ठीक नइं ए। 22अऊ कानून के गुरू, जऊन मन यरूसलेम ले आय रिहिन, अइसने कहंय कि ओमा बालजबूल ▼▼परेत आतमामन के सरदार
हवय अऊ ओह परेत आतमामन के सरदार के मदद ले परेत आतमामन ला निकालत हवय। 23यीसू ह ओमन ला लकठा म बलाके पटंतर म कहिस, “सैतान ह सैतान ला कइसने निकाल सकथे? 24कहूं कोनो राज म फूट पड़ जावय, त ओ राज ह खुद बने नइं रह सकय। 25वइसनेच कहूं कोनो घर म फूट पड़ जावय, त ओ घर ह बने नइं रह सकय। 26कहूं सैतान ह अपनेच बिरोध म होके अपनेच म फूट डारही, त ओह कइसने बने रह सकथे? ओकर बिनास हो जाही। 27कोनो मनखे कोनो बलवान मनखे के घर म घुसरके ओकर घर संपत्ति ला लूट नइं सकय, जब तक कि ओह पहिली ओ बलवान मनखे ला नइं बांध लीही, तभे ओह ओकर घर ला लूट सकथे।
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