Mark 6:30-44
यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे
(मत्ती 14:15‑21; लूका 9:11‑17; यूहन्ना 6:1‑14)
30प्रेरितमन लहुंटके यीसू करा जूरिन अऊ जऊन कुछू ओमन करे अऊ सिखोय रिहिन, ओ जम्मो बात ओला बताईन। 31तब ओह ओमन ला कहिस, “चलव, कोनो सुनसान ठऊर म चलके थोरकन सुरता लेवव।” काबरकि अब्बड़ मनखेमन आवत-जावत रिहिन, अऊ ओमन ला खाय के मऊका घलो नइं मिलत रिहिस। 32एकरसेति ओमन डोंगा म चघके एक ठन सुनसान जगह म चल दीन। 33ओमन ला जावत देखके, कतको झन ओमन ला चिन डारिन अऊ झील के तीरे-तीर दऊड़िन अऊ आघू हबरके उहां ओमन ले मिलिन। 34जब यीसू डोंगा ले उतरिस अऊ मनखेमन के एक बड़े भीड़ ला देखिस, त ओला ओमन के ऊपर तरस आईस, काबरकि ओमन बिगर चरवाहा के भेड़मन सहीं रिहिन अऊ ओह ओमन ला बहुंत अकन बात सिखोवन लगिस। 35जब बेरा ह ढरक गीस, तब ओकर चेलामन ओकर करा आके कहिन, “येह एक सुनसान जगह ए अऊ बेरा ह बहुंत ढरक गे हवय। 36मनखेमन ला भेज ताकि ओमन आसपास के गांव अऊ बस्तीमन म जाके अपन खाय बर कुछू बिसा सकंय।” 37पर यीसू ह जबाब दीस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।” ओमन ओला कहिन, “अतेक मनखे ला खवाय बर, एक मनखे के छै महिना ले जादा के बनी ▼▼यूनानी म लगभग दू सौ दीनार
लगही। का हमन जाके, येमन के खाय बर अतेक जादा पईसा खरचा करन?” 38ओह ओमन ला कहिस, “जाके देखव कि तुम्हर करा कतेक रोटी हवय?” ओमन पता लगाके कहिन, “पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी।” 39तब यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस कि जम्मो झन ला हरियर कांदी ऊपर ओरी-ओरी करके बईठा देवव। 40ओमन सौ-सौ अऊ पचास-पचास के ओरी-ओरी करके बईठ गीन। 41तब ओह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ रोटी ला टोर-टोरके अपन चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय अऊ दूनों मछरी ला घलो मनखेमन म बांट दीस। 42ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। 43चेलामन बांचे-खुचे रोटी अऊ मछरी के टुकड़ा के बारह टुकना भर के उठाईन। 44खवइयामन म उहां पांच हजार आदमीमन रिहिन।
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