‏ Mark 6:7-13

7ओह अपन बारहों चेलामन ला बलाके ओमन ला दू-दू झन करके पठोईस अऊ ओमन ला असुध आतमामन के ऊपर अधिकार दीस।

8ओकर हुकूम ये रिहिस, “डहार बर सिरिप लउठी के छोंड़ अऊ कुछू झन लेवव, न रोटी, न झोला अऊ न पटका म पईसा। 9पनही ला पहिरव, पर अपन संग म एक ठन घलो अतकिहा कुरता झन लेवव। 10जब भी तुमन कोनो घर म जावव, त ओ सहर ला छोंड़त तक ओहीच घर म ठहिरव। 11अऊ कहूं कोनो ठऊर के मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय अऊ तुम्हर बात ला नइं सुनंय, त उहां ले निकलत बेरा अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्रा देवव ताकि येह ओमन के बिरूध एक गवाही होवय।”

12तब चेलामन जाके परचार करिन कि मनखेमन पाप ले पछताप करंय। 13ओमन कतको परेत आतमामन ला निकालिन अऊ कतको बिमरहामन ला तेल म अभिसेक करके ओमन ला बने करिन।

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