Mark 9:14-27
परेत आतमा धरे छोकरा के बने होवई
(मत्ती 17:14‑21; लूका 9:37‑43)
14जब ओमन बाकि चेलामन करा आईन, त देखिन एक भारी भीड़ ओमन के चारों खूंट जूरे रहय अऊ कानून के गुरूमन ओमन के संग बहस करत रहंय। 15यीसू ला देखके मनखेमन चकित हो गीन अऊ ओकर से मिले बर दऊड़े लगिन। 16यीसू ह ओमन ले पुछिस, “तुमन येमन संग का बहस करत हव?” 17भीड़ म ले एक झन जबाब दीस, “हे गुरू, मेंह अपन बेटा ला जऊन म कोंदा आतमा हमा गे हवय, तोर करा लाने रहेंव। 18जब भी ओ आतमा ओला धरथे, ओला भुइयां म पटकथे, अऊ ओकर मुहूं ले झाग निकलथे अऊ दांतमन ला किटकिटाथे अऊ अकड़ जाथे। मेंह तोर चेलामन ला कहेंव कि ओ आतमा ला निकाल देवंय, पर ओमन निकाले नइं सकिन।” 19यीसू ह कहिस, “हे अबिसवासी पीढ़ी के मनखेमन! कब तक मेंह तुम्हर संग रहिहूं, अऊ कब तक तुम्हर सहत रहिहूं? ओ छोकरा ला मोर करा लानव।” 20तब ओमन ओ छोकरा ला ओकर करा लानिन। जब ओ आतमा ह यीसू ला देखिस, त तुरते ओह छोकरा ला मुरेरिस। ओ छोकरा ह भुइयां म गिरके घोलड़न लगिस अऊ ओकर मुहूं ले झाग निकलत रहय। 21यीसू ह ओ छोकरा के ददा ले पुछिस, “येला कब ले अइसने होवत हे?” ओह कहिस, “लइकापन ले। 22परेत आतमा ह येला मारे बर कभू आगी अऊ कभू पानी म गिराथे। पर कहूं तेंह कुछू कर सकथस, त हमर ऊपर दया करके हमर मदद कर।” 23यीसू ह कहिस, “कहूं तेंह कुछू कर सकथस, एकर का मतलब? का तेंह नइं जानथस कि जऊन ह बिसवास करथे, ओकर बर हर बात हो सकथे।” 24छोकरा के ददा ह तुरते गुलगुला होके कहिस, “मेंह बिसवास करत हंव, परभू! मोर अबिसवास ला दूर करे बर मोर मदद कर।” 25जब यीसू ह देखिस कि भीड़ ह बढ़त हे, त ओह असुध आतमा ला दबकारके कहिस, “हे भैंरा अऊ कोंदा आतमा! मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ओमा ले निकल जा अऊ ओमा फेर कभू झन हमाबे।” 26ओ आतमा ह चिचियाके छोकरा ला अब्बड़ मुरेरिस अऊ ओमा ले निकल गीस। तब ओ छोकरा ह मरे सहीं हो गे, अऊ बहुंत झन कहन लगिन, “ओह मर गीस।” 27पर यीसू ह ओकर हांथ ला धरके ओला उठाईस अऊ ओह ठाढ़ हो गीस।
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