Matthew 10:5-15
5ये बारहों झन ला, यीसू ह ये हुकूम देके पठोईस, “आनजातमन इहां झन जावव अऊ न ही सामरीमन के कोनो सहर म जावव। 6एकर बदले, इसरायल के घराना के गंवाय भेड़मन करा जावव। ▼ 7जब तुमन जावव, त ये संदेस के परचार करव: ‘स्वरग के राज ह लकठा म आ गे हवय।’ 8बिमरहामन ला चंगा करव, मरे मनखेमन ला जियावव, कोढ़ी मनखेमन ला सुध करव, परेत आतमामन ला निकालव। मुफत म तुमन ला मिले हवय, एकरसेति मुफत म देवव। 9“अपन पटका म सोन या चांदी या तांबा झन रखव। 10रसता बर झोला या अतकिहा कुरता या पनही या लउठी झन रखव, काबरकि बनिहार ला ओकर जरूरत के चीज दिये जाना चाही। ▼ 11जऊन कोनो सहर या गांव म तुमन जावव, त उहां कोनो काबिल मनखे के पता लगावव अऊ उहां ले बिदा होवत तक ओकरे घर म ठहिरव। 12जऊन घर म तुमन जावव, त ओ घर ला आसीस देवव। 13यदि ओ घर के मनखेमन काबिल होहीं, त तुम्हर सांति ह उहां ठहिरही, पर यदि ओमन काबिल नो हंय, त तुम्हर सांति ह तुम्हर करा लहुंट आही। 14यदि कोनो तुमन ला गरहन नइं करय या तुम्हर गोठ ला नइं सुनय, त ओ घर या सहर ले निकलत बेरा अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्रा देवव। 15मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि नियाय के दिन म, ये सहर के मनखेमन ले सदोम अऊ अमोरा सहर के मनखेमन के दसा ह जादा सहे के लईक होही।
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