‏ Matthew 18:4-6

4एकरसेति जऊन ह अपनआप ला ये लइका के सहीं नम्र करथे, ओह स्वरग के राज म सबले बड़े अय। 5अऊ जऊन ह मोर नांव म अइसने छोटे लइका ला गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे।

6“पर कोनो मनखे मोर ऊपर बिसवास करइया ये छोटे मन ले कोनो के पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओकर बर बने होतिस कि ओकर घेंच म एक ठन बड़े जांता के पथरा ला बांधे जातिस अऊ ओला गहिरा समुंदर म बुड़ो दिये जातिस।
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