‏ Matthew 18:6-9

6“पर कोनो मनखे मोर ऊपर बिसवास करइया ये छोटे मन ले कोनो के पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओकर बर बने होतिस कि ओकर घेंच म एक ठन बड़े जांता के पथरा ला बांधे जातिस अऊ ओला गहिरा समुंदर म बुड़ो दिये जातिस। 7संसार ला ओ चीजमन बर धिक्कार अय, जऊन मन मनखेमन के पाप म पड़े के कारन बनथें। अइसने चीजमन के अवई जरूरी अय। पर धिक्कार अय ओ मनखे ला, जेकर दुवारा ओमन आथें। 8यदि तुम्हर हांथ या तुम्हर गोड़ ह तुम्हर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला काटके फटिक दव। तुम्हर बर येह बने अय कि तुमन लूलवा या खोरवा होके जिनगी म प्रवेस करव, एकर बनिस्पत कि दूनों हांथ या दूनों गोड़ के रहत, तुमन ला सदाकाल के आगी म डार दिये जावय। 9अऊ यदि तुम्हर आंखी ह तुम्हर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला निकालके फटिक दव। तुम्हर बर येह बने अय कि तुमन एक आंखी ले कनवां होके जिनगी म प्रवेस करव, एकर बनिस्पत कि दूनों आंखी के रहत तुमन ला नरक के आगी म डार दिये जावय।”

Copyright information for HneSCA