‏ Matthew 19:1-12

तलाक

(मरकुस 10:1‑12)

1ये बातमन ला कहे के बाद, यीसू ह गलील प्रदेस ले चल दीस, अऊ यरदन नदी के ओ पार यहूदिया प्रदेस के इलाका म आईस। 2मनखेमन के एक बड़े भीड़ ह ओकर पाछू हो लीस, अऊ यीसू ह उहां बिमरहामन ला चंगा करिस।

3कुछू फरीसीमन यीसू ला परखे बर ओकर करा आईन अऊ ओमन यीसू ले पुछिन, “कहूं कोनो आदमी कोनो भी कारन ले अपन घरवाली ला तियाग देथे,
या तलाक देथे
त का येह कानून के मुताबिक सही अय?”

4यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन परमेसर के बचन म नइं पढ़े हवव कि संसार के रचइया ह ओमन ला सुरूआत ले नर अऊ नारी करके बनाईस, 5अऊ कहिस, ‘एकरे कारन मरद ह अपन दाई-ददा ले अलग होके अपन घरवाली संग मिले रहिही। अऊ ओ दूनों एक तन होहीं।’ 6ओमन अब दू नइं, पर एक अंय। एकरसेति, जऊन ला परमेसर ह जोड़े हवय, ओला कोनो मनखे अलग झन करय।”

7ओमन यीसू ला कहिन, “त फेर मूसा ह ये हुकूम काबर देय हवय कि मनखे ह अपन घरवाली ला तियाग पतर देके ओला छोंड़ दे।”

8यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “तुम्हर हिरदय के कठोरता के कारन, मूसा ह तुमन ला अपन घरवाली ला तियागे के अनुमति दीस। पर सुरू ले अइसने नइं रिहिस। 9मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन मनखे ह बेभिचार के छोंड़ कोनो आने कारन ले अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, अऊ आने माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह छिनारी करथे।”

10चेलामन यीसू ला कहिन, “यदि मनखे के संबंध ह अपन घरवाली के संग अइसने अय, तब बिहाव नइं करई ठीक अय।”

11यीसू ह ओमन ला कहिस, “जम्मो मनखे ये सिकछा ला माने नइं सकंय, पर सिरिप ओहीचमन मान सकथें, जऊन मन ला ये बरदान दिये गे हवय। 12काबरकि कुछू हिजड़ामन हवंय, जऊन मन अपन दाई के पेट ले अइसने जनमे हवंय। कुछू झन ला मनखेमन हिजड़ा बना देय हवंय, पर कुछू मनखेमन स्वरग राज के खातिर बिहाव नइं करे हवंय। जऊन ह ये बात ला मान सकथे, ओला मानना चाही।”

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