‏ Matthew 22:1-10

बिहाव भोज के पटंतर

(लूका 14:15‑24)

1यीसू ह फेर ओमन ले पटंतर म गोठियाय लगिस। ओह कहिस, 2“स्वरग के राज ह एक राजा के सहीं अय, जऊन ह अपन बेटा के बिहाव म एक जेवनार करिस। 3ओह अपन सेवकमन ला पठोईस कि ओमन नेवताहारीमन ला भोज बर बलाके लानंय, पर नेवताहारीमन आय बर नइं चाहिन।

4“तब फेर ओह कुछू अऊ सेवकमन ला ये कहिके पठोईस, ‘नेवताहारीमन ला कहव कि मेंह भोज तियार कर चुके हवंव। मोर बईला अऊ मोटहा-मोटहा पसुमन मारे गे हवंय, अऊ जम्मो चीज ह तियार हवय। बिहाव के भोज म आवव।’

5“पर नेवताहारीमन राजा के नेवता ला धियान नइं दीन अऊ एती-ओती चल दीन—कोनो अपन खेत ला, त कोनो अपन धंधा म। 6बाकि बचे नेवताहारीमन राजा के सेवकमन ला पकड़िन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करिन अऊ ओमन ला मार डारिन। 7राजा ह बहुंत गुस्सा करिस। ओह अपन सेना ला पठोईस अऊ ओ हतियारामन ला नास कर दीस अऊ ओमन के सहर ला जरा दीस।

8“तब राजा ह अपन सेवकमन ला कहिस, ‘बिहाव भोज तो तियार हवय, पर नेवताहारीमन एकर लईक नो हंय। 9एकरसेति गली के चऊक म जावव अऊ तुमन ला जऊन मन घलो मिलथें, ओ जम्मो ला बिहाव भोज के नेवता देवव।’ 10ओ सेवकमन गलीमन म गीन अऊ ओमन ला बने या खराप जऊन ह घलो मिलिस, ओ जम्मो ला संकेलके ले आईन अऊ बिहाव के मड़वा ह पहुनामन ले भर गीस।

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