Matthew 28:1-10
यीसू के फेर जी उठई
(मरकुस 16:1‑10; लूका 24:1‑12; यूहन्ना 20:1‑10)
1बिसराम दिन के बाद, हप्ता के पहिली दिन बड़े बिहनियां मरियम मगदलिनी अऊ दूसर मरियम कबर ला देखे बर गीन। 2ओ समय एक भयंकर भुइंडोल होईस, काबरकि परभू के एक स्वरगदूत ह स्वरग ले उतरिस अऊ कबर करा आईस अऊ पथरा ला ढुनगाके ओकर ऊपर बईठ गीस। 3ओकर रूप ह बिजली सहीं चमकत रहय अऊ ओकर कपड़ा ह झक पंर्रा रिहिस। 4पहरेदारमन ओकर ले डरके थर-थर कांपे लगिन अऊ मुरदा के सहीं हो गीन। 5स्वरगदूत ह माईलोगनमन ला कहिस, “झन डरव, काबरकि मेंह जानत हंव कि तुमन यीसू ला खोजत हव, जऊन ला कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिस। 6ओह इहां नइं ए; ओह जी उठे हवय, जइसने ओह कहे रिहिस। आवव अऊ ओ ठऊर ला देखव, जिहां ओला रखे गे रिहिस। 7अब तुमन तुरते जाके ओकर चेलामन ला ये बतावव: ‘ओह मरे म ले जी उठे हवय अऊ ओह तुम्हर ले आघू गलील प्रदेस जावत हवय। उहां तुमन ओला देखहू।’ देखव! मेंह तुमन ला बता दे हंव।” 8एकरसेति ओ माईलोगनमन जल्दी कबर ले चले गीन। ओमन डरा गे रिहिन, पर बड़े आनंद सहित चेलामन ला बताय बर दऊड़के गीन। 9अचानक यीसू ह ओमन ले मिलिस अऊ कहिस, “खुस रहव।” ओमन ओकर करा आईन अऊ ओकर गोड़ ला धरके ओकर दंडवत करिन। 10तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “झन डरव। जावव अऊ मोर भाईमन ला कहव कि ओमन गलील प्रदेस जावंय। उहां ओमन मोला देखहीं।”
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