‏ Numbers 20:1-13

चट्टान ले पानी

1पहिला महिना म, जम्मो इसरायली समाज के मनखेमन सीन के सुन्ना जगह म हबरिन, अऊ ओमन कादेस नगर म डेरा डालिन। उहां मिरियम ह मर गीस अऊ ओला उहां माटी दिये गीस।

2उहां समाज के मनखेमन बर पानी नइं रिहिस, अऊ मनखेमन मूसा अऊ हारून के बिरोध म जूर गीन। 3ओमन मूसा ले झगरा करे लगिन अऊ कहिन, “बने होतिस कि हमन घलो अपन संगी इसरायलीमन संग, यहोवा के आघू म मर गे रहितेंन! 4तेंह काबर यहोवा के समाज ला ये सुन्ना जगह म लाने कि हमन अऊ हमर पसुमन इहां मर जावन? 5तेंह काबर हमन ला मिसर देस ले बाहिर निकालके ये भयानक जगह म ले आय? इहां न तो अनाज या अंजीर, अऊ न ही अंगूर के नार या अनार हवय। अऊ इहां पीये बर पानी घलो नइं ए!”

6मूसा अऊ हारून सभा ले निकलके मिलापवाला तम्बू के दुवार करा गीन अऊ निरासा म मुहूं-भरसा गिरिन, अऊ यहोवा के महिमा ओमन ऊपर परगट होईस। 7यहोवा ह मूसा ला कहिस, 8“ओ लउठी ला ले अऊ तें अऊ तोर भाई हारून इसरायली सभा ला एक जगह इकट्ठा करव। अऊ ओमन के देखत म ओ चट्टान ले बात कर अऊ येह अपन म ले पानी निकालही। तेंह समाज बर ये चट्टान म ले पानी निकालबे ताकि ओमन अऊ ओमन के पसु पानी पी सकंय।”

9तब मूसा ह यहोवा के हुकूम के मुताबिक ओकर आघू म ओ लउठी ला ले लीस। 10अऊ मूसा अऊ हारून चट्टान के आघू म समाज ला इकट्ठा करिन अऊ मूसा ह ओमन ला कहिस, “हे बिदरोह करइयामन, सुनव! का हमन ला ये चट्टान म ले तुम्हर बर पानी निकाले बर पड़ही?” 11तब मूसा ह अपन हांथ उठाईस अऊ अपन लउठी ले ओ चट्टान ला दू बार मारिस। तब ओमा ले पानी बहे लगिस, अऊ पूरा समाज अऊ ओमन के पसुमन ओ पानी ला पीईन।

12पर यहोवा ह मूसा अऊ हारून ला कहिस, “काबरकि तुमन इसरायलीमन के नजर म मोर ऊपर न तो परयाप्त भरोसा रखेव, न ही पबितर मानके आदर देव, एकरसेति तुमन ये समाज ला ओ देस म नइं ले जा सकहू, जेला मेंह ओमन ला दे हंव।”

13येमन मरीबा
मरीबा के मतलब होथे झगरा करई
पानी के सोतामन रिहिन, जिहां इसरायलीमन यहोवा ले झगरा करिन अऊ जिहां ओह ओमन के बीच म पबितर ठहिराय गीस।

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